[ad_1]
Raipur News राजधानी रायपुर में कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों की खबरें आ रही हैं। खबरों के मुताबिक कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के समर्थन में रैली के दौरान हटाए गए बीजेपी के कार्यकर्ता आमने-सामने आए। दोनों पक्षों के नामांकन पत्र के बीच हल्की झड़पें हुईं। स्पॉटिंग पर पुलिस ने दोनों पक्षों के नामांकन को दर्ज किया। शोक, बीजेपी के कार्यकर्ता की रिपोर्ट दर्ज की गई सरस्वती नगर थाने पहुंचे। बीसीओ ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्रशासन पर जोखिम ऐसी स्थिति पैदा कर रही है।
इससे पहले राजधानी रायपुर के विज्ञान कालेज के पास स्मार्ट सिटी द्वारा बनाया गया जा रही रात चौपाटी के विरोध में बीजेपी ने दो दिन पहले शामलेन आंदोलन शुरू किया। पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूनत सहित उनके समर्थक अब विज्ञान कालेज के धरना स्थल पर ही रात बिता रहे हैं। दिन का खाना, रहना, नहाना शुरू कर दिया है। मामले में राजनीति तेज हो गई है। प्रदेश के पूर्व डा. रमन सिंह ने भी आंदोलन का समर्थन करने का एलान कर दिया है। गुरुवार को भाजपा पार्षदों ने स्मार्ट सिटी में भव्याता जताते हुए विरोध जताया। इस मामले में अब कांग्रेस ने भी झूठ की झड़ी लगा दी है। कांग्रेस का कहना है कि रात चौपाटी की योजना बीजेपी की सरकार में तैयार की गई थी।
पूर्व पंचायत मंत्री और सांसद भी पहुंचे
रात चौपाटी के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन में गुरुवार को बीजेपी के पूर्व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर और मौजूदा सांसद सुनील सोनी समर्थन देने पहुंचे। धरना-स्थल पर भाजपा के कार्यकर्ता और कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं।
भाजपा का यह तर्क
राष्ट्रीय राजमार्ग की 67 मीटर की भूमि का उपयोग कर चौपाटी का निर्माण किया जा रहा है। आवास एवं पर्यावरण अधिनियम 2002 के अलावा यह केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी को दिया जा रहा है।
महापौर ने लगाए यह आरोप
निगम के महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि भाजपा सरकार ने 2018 में रात चौपाटी के निर्माण की परियोजना बनाई थी। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने घटनास्थल की ही तस्वीर देखी थी, लेकिन आज भी इसका विरोध कर रहे हैं, जो समझ से परे है। बीजेपी के कार्यकाल के स्काईवाक जैसे कई निर्माण कार्य हैं, वास्तविक रूप में इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। रात चौपाटी का काम शुरू हो गया है, जिस पर रोक नहीं लगेगी। परिवार विहीन भाजपा अपनी ही कार्य योजना को रुकवाने का काम कर रही है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मैंने पूर्व मंत्री से 27 दिसंबर को मिलने के लिए कहा था, लेकिन वे मिले नहीं।
मूनत ने यह जवाब दिया
पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूनत ने कहा कि महापौर का यह बेबुनियाद आरोप है। रात चौपाटी को लेकर यदि मैंने दृश्य निरीक्षण या कार्य योजना को लेकर कोई आदेश दिया है तो आदेश केपी सामने रखें। यूथ हब के नाम पर कांग्रेस सरकार नाइट चौपाटी के माध्यम से इसका व्यवसायीकरण कर रही है। खेल के मैदान को छोटा कर दिया गया। कालेज का स्वरूप बदला गया। मास्टर प्लान का उल्लंघन भी हुआ। रही बात रात चौपाटी पर चर्चा के लिए तो 20 दिसंबर को पत्र लिखने के बाद महापौर का जबाव सक्रिय शाम आंदोलन शुरू करने के बाद आया, जबकि इसकी अल्टीमेटम मैं पहले ही चुका चुका था।
[ad_2]