[ad_1]
हाइलाइट्स
बारनवापारा अभयारण्य में फिर से बाघों को पुनर्स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी
छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या चार गुना करने के लिए जीटीएफ ने दिया था प्रस्ताव
बारनवापारा अभयारण्य में 2010 तक बाघ पाए जाते थे
रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Government) में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने मध्यप्रदेश (MP Government) से बाघ लाने का फैसला किया है और बाघों को अचानकमार बाघ अभ्यारण्य (Achanakmar Wildlife Sanctuary) में छोड़ा जाएगा. इस बात की जानकारी आज जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है. सरकार ने बारनवापारा अभ्यारण्य (Barnawapara Wildlife Sanctuary) में फिर से बाघों (Tigers) को पुनर्स्थापित करने के लिए वहां बाघ छोड़ने के प्रस्ताव को भी सैद्धांतिक सहमति दी है.
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की अध्यक्षता में सोमवार को उनके निवास कार्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में फैसला किया गया कि राज्य में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश से बाघ लाए जाएंगे. इन बाघों को अचानकमार बाघ अभयारण्य में छोड़ा जाएगा. इसके साथ ही बारनवापारा अभ्यारण्य में भी अनुकूल परिस्थितियों के कारण बाघ छोड़े जाएंगे.
Chhattisgarh: बस्तर में खदान धंसी, 7 मजदूरों की मौत, कई ग्रामीण फंसे; राहत-बचाव काम जारी
आपके शहर से (रायपुर)
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या चार गुना करने के लिए ‘ग्लोबल टाइगर फोरम’ (जीटीएफ) द्वारा प्रस्ताव दिया गया था जिसके क्रियान्वयन की अनुमति बैठक में दी गई. इसके तहत मध्यप्रदेश से बाघ लाकर अचानकमार बाघ अभ्यारण्य में छोड़े जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि अचानकमार बाघ अभ्यारण्य में वन्यप्राणियों के लिए जल स्त्रोतों और चारागाह को विकसित किया गया है, जिससे शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या में वृद्धि हो सके.
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा अभ्यारण्य में फिर से बाघों को पुनर्स्थापित करने के लिए वहां बाघ छोड़ने के प्रस्ताव को भी सैद्धांतिक सहमति दी गई.
अधिकारियों ने बताया कि बारनवापारा अभ्यारण्य में 2010 तक बाघ पाए जाते थे. उन्होंने बताया कि शाकाहारी वन्य प्राणियों को विभिन्न प्रजनन केंद्रों और अन्य स्थानों से लाकर राज्य के संरक्षित क्षेत्रों के प्राकृतिक रहवास में छोड़ा गया है. राज्य के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में 49 चीतल, बारनवापारा अभ्यारण्य में 39 काला हिरण, गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में 113 चीतल, अचानकमार बाघ अभयारण्य में 20 चीतल और तमोर पिंगला अभयारण्य में 14 चीतल छोड़े गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए वनों की 10 किलोमीटर की परिधि के गांवों में आजीविका संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने, वन्य प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से वन क्षेत्रों में संचार नेटवर्क को मजबूत बनाने, हाथी-मानव द्वंद रोकने के लिए जागरूकता अभियान को गति देने और वन्य प्राणियों के लिए पानी तथा चारागाह विकसित करने का निर्देश दिया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Chhattisgarh CM, Chhattisgarh government, Chhattisgarhi News, MP Government, Wildlife news in hindi
FIRST PUBLISHED : December 20, 2022, 16:21 IST
[ad_2]
Source link