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Chhattisgarh: सूर्यवंशी समाज ने मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों का पुतला फूंका, बोले- SC का 16% आरक्षण देना होगा

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आरक्षण को लेकर जांजगीर-चांपा में सूर्यवंशी समाज ने प्रदर्शन किया।

आरक्षण को लेकर जांजगीर-चांपा में सूर्यवंशी समाज ने प्रदर्शन किया।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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छत्तीसगढ़ में आरक्षण का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद अटका हुआ है। ऐसे में सूर्यवंशी समाज के युवाओं ने मंगलवार को अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया और पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार का पुतला फूंका। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच छीना-झपटी भी हुई। इसके बाद राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। 

यह भी पढ़ें…आरक्षण विधेयक अटका: राज्यपाल ने कहा- कानूनी सलाह के बाद ही कर पाऊंगी हस्ताक्षर, अब उपचुनाव के बाद फैसला

जांजगीर-चांपा में मंगलवार को सूर्यवंशी समाज के युवा हाथों में बैनर और नारे लिखी तख्तियां लिए एकत्र हो गए। साथ में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की फोटो लेकर युवा नारेबाजी करते रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेताओं के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इसके बाद मुख्यमंत्री सहित तीनों मंत्रियों का पुतला फूंका। समाज के युवाओं ने कहा कि वे अपना अधिकार मांग रहे हैं। SC आरक्षण को लेकर जो व्यवस्था थी, उसे लागू रखा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को 16 प्रतिशत आरक्षण देना होगा। 

यह भी पढ़ें…Chhattisgarh : विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित, SC, ST, OBC का बढ़ा, पर EWS का छह फीसदी हुआ कम

पांच सूत्रीय मांग को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन

  • छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति का 16% आरक्षण प्रतिनिधित्व को यथावत रखने की घोषणा और तत्काल लागू करने की मांग। 
  • छत्तीसगढ़ राज्य विधानमंडल में 16% अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव पारित कर राज्य बजट में प्रकाशित करें।
  • छत्तीसगढ़ राज्य शासन भारत के उच्चतम न्यायालय में अनुसूचित जाति को उनका 16% प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए हलफनामा दाखिल करे।
  • छत्तीसगढ़ राज्य भारतीय संविधान अनुच्छेद 16 चार लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता प्रदान करे।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 स्पष्ट रूप से कहता है कि राज्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दुर्लभ वर्गों की शिक्षा व अर्थ संबंधी हितों की विशेष सावधानी में अभिवृद्धि करेगा। अन्य सभी प्रकार की शोषण में उनकी रक्षा करेगा।

सरकार ने 13 प्रतिशत किया है आरक्षण का कोटा
दरअसल, सारा विवाद 25 नवंबर को हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले को लेकर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में संशोधित आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति के आरक्षण के प्रतिनिधित्व को 13 प्रतिशत देने का फैसला किया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि अभी एससी की आबादी 12 प्रतिशत है। यह बढ़ेगी तो आरक्षण का कोटा भी बढ़ाकर 16 प्रतिशत किया जाएगा। ऐसे में युवा वर्ग का कहना है कि उसे सीधा नुकसान होगा। उन्होंने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। 

विस्तार

छत्तीसगढ़ में आरक्षण का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद अटका हुआ है। ऐसे में सूर्यवंशी समाज के युवाओं ने मंगलवार को अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया और पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार का पुतला फूंका। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच छीना-झपटी भी हुई। इसके बाद राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। 

यह भी पढ़ें…आरक्षण विधेयक अटका: राज्यपाल ने कहा- कानूनी सलाह के बाद ही कर पाऊंगी हस्ताक्षर, अब उपचुनाव के बाद फैसला

जांजगीर-चांपा में मंगलवार को सूर्यवंशी समाज के युवा हाथों में बैनर और नारे लिखी तख्तियां लिए एकत्र हो गए। साथ में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की फोटो लेकर युवा नारेबाजी करते रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेताओं के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इसके बाद मुख्यमंत्री सहित तीनों मंत्रियों का पुतला फूंका। समाज के युवाओं ने कहा कि वे अपना अधिकार मांग रहे हैं। SC आरक्षण को लेकर जो व्यवस्था थी, उसे लागू रखा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को 16 प्रतिशत आरक्षण देना होगा। 

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पांच सूत्रीय मांग को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन

  • छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति का 16% आरक्षण प्रतिनिधित्व को यथावत रखने की घोषणा और तत्काल लागू करने की मांग। 
  • छत्तीसगढ़ राज्य विधानमंडल में 16% अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव पारित कर राज्य बजट में प्रकाशित करें।
  • छत्तीसगढ़ राज्य शासन भारत के उच्चतम न्यायालय में अनुसूचित जाति को उनका 16% प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए हलफनामा दाखिल करे।
  • छत्तीसगढ़ राज्य भारतीय संविधान अनुच्छेद 16 चार लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता प्रदान करे।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 स्पष्ट रूप से कहता है कि राज्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दुर्लभ वर्गों की शिक्षा व अर्थ संबंधी हितों की विशेष सावधानी में अभिवृद्धि करेगा। अन्य सभी प्रकार की शोषण में उनकी रक्षा करेगा।

सरकार ने 13 प्रतिशत किया है आरक्षण का कोटा

दरअसल, सारा विवाद 25 नवंबर को हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले को लेकर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में संशोधित आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति के आरक्षण के प्रतिनिधित्व को 13 प्रतिशत देने का फैसला किया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि अभी एससी की आबादी 12 प्रतिशत है। यह बढ़ेगी तो आरक्षण का कोटा भी बढ़ाकर 16 प्रतिशत किया जाएगा। ऐसे में युवा वर्ग का कहना है कि उसे सीधा नुकसान होगा। उन्होंने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। 



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