सांकेतिक फोटो
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
जानकारी के मुताबिक, जांजगीर-चांपा के जैजेपुर खुजरानी निवासी पूर्व सैनिक जगदीश प्रसाद चंद्रा अभी बिलासपुर के राजकिशोर नगर में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका पूर्व सैनिक संगठन में आना-जाना है। इस दौरान उनकी पहचान बिल्हा क्षेत्र के बरतोरी में रहने वाले पूर्व सैनिक विजय कुमार कौशिक से हुई।
विजय ने जगदीश की मुलाकात उसके गांव में रहने वाले योगेश सन्नाड्य से कराई। यह भी बताया कि योगेश रायपुर में रहकर काम करता है। योगेश ने खुद को खाद्य मंत्री का पीए बताया और कहा कि उसकी व्यापमं व मंत्रालय में अच्छी पहचान है। झांसा दिया कि वह जगदीश की नौकरी मंडी इंस्पेक्टर के तौर पर लगवा सकता है।
आरोपी योगेश ने जगदीश से कहा कि इसके लिए 15 लाख रुपये लगेंगे। झांसे में आकर जगदीश ने उसके बताए अनुसार गरियाबंद निवासी छोटू राम यादव के बैंक खाते में 2.50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद अलग-अलग किश्त में 8.50 लाख रुपये और ट्रांसफर किए। काफी समय बीत गया, पर नौकरी नहीं मिली। इसके बाद आरोपी का नंबर भी बंद हो गया।
विस्तार
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक शातिर ठग ने पूर्व सैनिक से 11 लाख रुपये ठग लिए। शातिर ठग ने खुद को खाद्य मंत्री का पीए बताया और पूर्व सैनिक को मंडी इंस्पेक्टर बनवाने का झांसा दिया था। काफी समय तक जब नौकरी नहीं मिली तो पूर्व सैनिक थाने पहुंचा और एफआईआर दर्ज कराई। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, जांजगीर-चांपा के जैजेपुर खुजरानी निवासी पूर्व सैनिक जगदीश प्रसाद चंद्रा अभी बिलासपुर के राजकिशोर नगर में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका पूर्व सैनिक संगठन में आना-जाना है। इस दौरान उनकी पहचान बिल्हा क्षेत्र के बरतोरी में रहने वाले पूर्व सैनिक विजय कुमार कौशिक से हुई।
विजय ने जगदीश की मुलाकात उसके गांव में रहने वाले योगेश सन्नाड्य से कराई। यह भी बताया कि योगेश रायपुर में रहकर काम करता है। योगेश ने खुद को खाद्य मंत्री का पीए बताया और कहा कि उसकी व्यापमं व मंत्रालय में अच्छी पहचान है। झांसा दिया कि वह जगदीश की नौकरी मंडी इंस्पेक्टर के तौर पर लगवा सकता है।
आरोपी योगेश ने जगदीश से कहा कि इसके लिए 15 लाख रुपये लगेंगे। झांसे में आकर जगदीश ने उसके बताए अनुसार गरियाबंद निवासी छोटू राम यादव के बैंक खाते में 2.50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद अलग-अलग किश्त में 8.50 लाख रुपये और ट्रांसफर किए। काफी समय बीत गया, पर नौकरी नहीं मिली। इसके बाद आरोपी का नंबर भी बंद हो गया।