वार्षिक सम्मलेन 2023:महासभा केंद्र जेवरा का वार्षिक सम्मलेन डोंगरतराई में संम्पन।

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वार्षिक सम्मलेन 2023

वार्षिक सम्मलेन 2023:डोंगर तराई/कोरबा अखिल गोंड समाज महासभा केंद्र जेवरा का वार्षिक सम्मलेन 2023 दो दिवसीय ग्राम डोंगर तराई, पोस्ट बिंझरा तह. पोंड़ी उपरोड़ा, जि. कोरबा (छ.ग.) में दिनाक 28.01.2023 से 29.01.2023 को आयोजित किया गया । यह सम्मलेन covid-19 के चलते 3 वर्ष बाद आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में गोंडवाना समाज के लगभग 500 गावों (27 प्रमंडल, 5 मंडल)से महिला-पुरुष, युवक-युतियां एवं समाज के पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में लोग पहुचें। कार्यक्रम का शुभारंभ पेन स्थापना व पेन सुमरनी तिरु. इंद्रपाल सिंह मरकाम (पुनेमाचार्य) व साधक परिवार डुमरकछार चौक धौराभांठा पाली के द्वारा अतिथियों का रेलापाटा के साथ मंच तक ग्राम भ्रमण करते हुए लाया गया साथ ही समस्त अतिथियों का मंचासीन और स्वागत परिचय के साथ शुरुवात की गई ।

 

वार्षिक सम्मलेन 2023
अखिल गोंड समाज महासभा केंद्र जेवरा का वार्षिक सम्मलेन 2023 डोंगरतराई

वार्षिक सम्मलेन 2023:प्रमुख विषय 

  • सामाजिक समृद्धि।
  • धर्म-संस्कृति, रुढ़ी प्रथा। 
  • अन्य सामाजिक चिंतन।
  • आर्थिक शैक्षणिक विकास। 
  • युवा -युवतियों की वर्तमान परिवेश व निदान।

प्रथम शत्र संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम 

महासभा केंद्र जेवरा का वार्षिक सम्मलेन 2023 के प्रथम शत्र में संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का दौर चला, जिसमे समाज के बुद्धि जीवी एवं पदाधिकारियों के द्वारा समाज की सामाजिक, सांस्कृतिक, संवैधानिक अधिकार, आर्थिक एवं व्यापर (बिज़नेस) शिक्षा पर प्रमुख रूप से उपस्थित पदाधिकारियों के द्वारा उद्बोधन दिया गया।

वार्षिक सम्मलेन 2023

रूढ़ि-प्रथा विषय पर श्री आर एन टेकाम (प्रवक्ता, अखिल गोंड  समाज महासभा केंद्र जेवरा) के द्वारा विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए रूढ़ि-प्रथा क्या है? पर उन्होंने बताया की आदिवासियों या जनजातियों की जो रीती-रिवाज और  संस्कृति, परम्परा ही रूढ़ि-प्रथा हैं,अगर हम अपनी संस्कृति-परम्परा का पालन नहीं करतें हैं तो आदिवासी या जनजाति कोटा से शासन हमें बाहार कर सकती हैं। इस रूढ़ि-प्रथा को संविधान के 13″3 क में विधि का बल प्राप्त हैं, संविधान के पुस्तक को दिखाकर, प्रदत अधिकार 5वीं,6वीं अनुसूची एवं अनुच्छेदों, ग्राम सभा के शक्ति के बारें में भी बताया। और अंत में उन्होंने कहा की हमारा गोंडवाना समाज प्रकृति को मानता है, प्रकृति की पूजा करता है, हमारा सारा नेग दस्तूर प्राकृतिक सम्मत है। उपस्थित सभी सागा समाज को आह्वान करतें हुए कहा की सभी को समाज के बताये नेग दस्तूर,निति नियम का पालन करना हैं और सभी के घर में संविधान का पुस्तक होना चाहिए और इसको बचाना है साथ ही इस पुस्तक को पढ़ने को प्रेरित किया।

संगोष्ठी के आगे कड़ी में तिरु. इंद्रपाल सिंह मरकाम (पुनेमाचार्य) के द्वारा धर्म-संस्कृति विषय पर अपनी बात सरल अंदाज में रखते हुए उनहोंने कहा की हमारे पुरुवज के द्वारा धर्म-संस्कृति के रास्ता को बहुत सुन्दर और सरल तरीके से बनायें हैं जिसमे हम सभी लोगों को बताये रास्ता में चलना हैं। उनहोंने रूढ़ि-प्रथा को आदिवासी समाज की जीवन जीने का तरीका बताया। उनके द्वारा बताया गया की पांच तत्व जैसे भूमि,गगन,वायु,अग्नि,नीर इन प्राकृतिक शक्तियों को बड़ादेव (फड़ापेन) के रूप में मानते हैं। आगे उनहोंने कह की हमारा समाज अपनी पेन शक्तियों और शब्द भाषा से से दूर हो चुकें हैं, अपनी पेनशक्तियों को पहचान करना हैं और शब्द भाषा का भी उच्चारण करना हैं। मरकाम जी ने गोटुल पर भी चर्चा किया, गोटुल को गोंडवाना समाज की रीड की हड्डी हैं उनके द्वारा बताया गया। इस तरह धर्म-संस्कृति पर बात रखते हुए मरकाम जी ने ईसर-गौरा की पूजा में ही समाज की इतिहास छिपा है, साथ ही उनहोंने बताया की हमारे पुरुवज के द्वारा किस तरह से गावों की स्थापन करतें थे और कौन- कौन से पेनशक्तियों को गाव बसाते समय स्थापित करतें थे इस पर विस्तार से चर्चा किया गया और समाज के बीच यह भी कहा की अगर पुरुवज की संस्कृति परम्परा का पालन नहीं करतें दूसरे की धर्म-संस्कृति का पालन करेंगे तो सरकार एक लाइन में ही हमें आदिवासी या अनुसूचित जान जाती वर्ग से बाहर कर देगी। अगर आदिवासी या अनुसूचित जानजाती बने रहना हैं तो अपने धर्म-संस्कृति का पालन करना हैं।

संगोष्ठी कर्यक्रम के दौरान भुनेश्वर श्रोते के द्वारा आर्थिक समृद्धि और संगठन पर अपनी बात राखी वहीँ कीर्तन टेकाम के द्वारा आरक्षण के मुद्दों को लेकर समाज के बीच अपना विचार व्यक्त किया। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तुलेश्वर सिंह मरकाम जी ने आर्थिक समृद्धि, शैक्षणिक पर समाज के बीच बात रखा और वर्तमान सरकार आदिवासियों के शिक्षा,स्वस्थ रोजगार के नाम पर हजारों करोड़ों रुपये विश्व बैंक से लोन लिया हैं, लेकिन आज भी आदिवासी समाज शिक्षा,स्वस्थ रोजगार काफी पीछे इस सम्बन्ध में हइ -कोर्ट पर जनहित याचिका लगाने की बात कही। इसी कड़ी में डॉक्टर नारायण काशव टेकाम के द्वारा भी आर्थिक गांड व्यवस्था पर विस्तार से समाज के बीच अपनी बात कही, जिसमें उन्होंने व्यापर उद्योग स्थापित कैसे करना हैं इस पर बहुत ही सरल तरीके जानकारी प्रदान किया।

वार्षिक सम्मलेन 2023

महासभा केंद्र जेवरा का वार्षिक सम्मलेन 2023 में उपस्थित श्री विशाल सिंह कोराम (संरक्षक) के द्वारा भी धर्म-संस्कृति पर ही चर्चा आरम्भ किया जिसमे उनहोंने सल्ले गागरा का परिचय देते हुए कहा की आदिवासी मूलनिवसी का धर्म प्राकृतिक हैं, सत्य मार्ग पर चलने वाला(पुनेमी) हैं। इसके साथ ही समाज के सभी संस्कार टुंडा, मांडमिंग, कुंडा मिलान संस्कार पर समाज के लोगों जानकर दिया और कहा की समाज में एकता और संगठन को मजबूत बनाये रखने के लिए हमें समाज के द्वारा बनाये नियम, संस्कृति, परम्परा का पालन करना आवश्यक हैं। इस तरह समाज रातभर अन्य विषयों पर चर्चा परिचर्चा चलती रही।

कार्यक्रम में उपस्थित सम्माननीय अतिथि 

तिरुमाय जामबाई श्याम (सभापति, महासभा केन्द्र जेवरा)तिरु. गेहसिंह उइके (उपसभापति), तिरु. मनोहर सिंह कोरचो (कोषाध्यक्ष), तिरु विशाल सिंह कोराम (संरक्षक), तिरु. मोहन सिंह ओड़े (संरक्षक) तिरु. विश्राम सिंह मरावी (संरक्षक), तिरु. असमेर सिंह पोर्ते (संरक्षक), | तिरु. रामनारायण टेकाम (प्रवक्ता), तिरु, भुनेश्वर श्रोते (लेखा परीक्षक), तिरु. कुलदीप मरकाम (सलाहकार ), तिरु. बुधवार सिंह पावले (सलाहकार), तिरु, रामखिलावन कोराम (सलाहकार), तिरु, भागतव आरमोर (अध्यक्ष, मण्डल लुतरा), तिरु. डी. पी. कोराम (अध्यक्ष, मण्डल महुदा ब), तिरु. चैन सिंह श्याम (अध्यक्ष, मण्डल पुलालीकला), तिरु. कृपाल मरावी (अध्यक्ष, मण्डल रंजना ), तिरु. चंदन सिंह श्याम (अध्यक्ष, मण्डल नगोई बछेरा) तिरु. चंदन सिंह मसराम (अध्यक्ष, प्रमण्डल नगोई बछेरा) एवं समस्त अधिकारी कर्मचारी, मण्डल प्रमण्डल पदाधिकारी व जनप्रतिनिधिगण ।

गणसेवक : तिरु. रामेश्वर मरावी,तिरु. अशोक मरावी

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