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सीएमओ की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि 28 नवंबर को जारी सैंपल पंजीकरण सिस्टम के डाटा से पता चलता है कि पिछले तीन सालों में राज्य के मातृ मृत्यु दर में 22 अंकों की कमी आई है। बताया गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गर्भवती और धात्री महिलाओं को बेहतर पोषण प्रदान करने के लिए सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। इसका फायदा मिलता दिखाई दे रहा है।
योजना के तहत मातृ स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को सभी प्रकार के उपचार उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। बताया गया कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की भी नियमित जांच और निगरानी की जाती है। राज्य में प्रसूति संस्थानों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
इसलके अलावा सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा भी बढ़ गई है। विटामिन और एएनएम समुदाय और क्षेत्र स्तर पर मातृ व शिशु स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रही हैं। राज्य सरकार की ओर से उठाए गए इन सभी कदमों के कारण राज्य में मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।
विस्तार
छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, यह 159 से 137 पर पहुंच गई है। इसे लेकर भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से विशेष बुलेटिन जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि राज्य में साल 2016-18 में मातृ मुत्यु दर प्रति लाख जन्म पर 159 से गिरकर साल 2018-20 में 137 हो गई है। यह राज्य में मातृ मृत्यु दर का अब तक का सबसे कम आंकड़ा है।
सीएमओ की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि 28 नवंबर को जारी सैंपल पंजीकरण सिस्टम के डाटा से पता चलता है कि पिछले तीन सालों में राज्य के मातृ मृत्यु दर में 22 अंकों की कमी आई है। बताया गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गर्भवती और धात्री महिलाओं को बेहतर पोषण प्रदान करने के लिए सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। इसका फायदा मिलता दिखाई दे रहा है।
योजना के तहत मातृ स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को सभी प्रकार के उपचार उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। बताया गया कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की भी नियमित जांच और निगरानी की जाती है। राज्य में प्रसूति संस्थानों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
इसलके अलावा सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा भी बढ़ गई है। विटामिन और एएनएम समुदाय और क्षेत्र स्तर पर मातृ व शिशु स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रही हैं। राज्य सरकार की ओर से उठाए गए इन सभी कदमों के कारण राज्य में मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।